पाकिस्तान सरकार की ओर से अरबईन में कर्बला जाने वाले ज़ाएरीन के लीये सड़क मार्ग बन करने के फैसले से पाकिस्तान में उबाल है। अब शिया उलमा काउंसिल ने अपने ताज़ा बयान में कहा है कि इमाम हुसैन (अ.स.) के चेहलुम के दिन नज़दीक आ रहे हैं, ऐसे समय में गृहमंत्री मोहसिन नक़वी ने बलूचिस्तान के रास्ते ईरान से इराक जाने वाले ज़ाएरीन पर प्रतिबंध लगा दिया है। अगर सरकार यह कदम उठाती है, तो यह एक गैरकानूनी कार्रवाई है और यह मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है।
पाकिस्तान की शिया उलमा काउंसिल के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद के नाम पर ज़ाएरीन पर प्रतिबंध लगाना सरकार की नाकामी है, और अरबईन पर ज़ाएरीन और कारवान लीडरों द्वारा अरबों रुपये खर्च किए गए हैं।
अरबईन एक पवित्र यात्रा है, इसे एक बयान के जरिए से बंद करने की कोशिश आम लोगों के साथ दुर्व्यवहार और ज़ाएरीन को कमज़ोर करने का प्रयास है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जबकि सरकार ने ज़ाएरीन को सुविधाएँ प्रदान करने का वादा किया था, लेकिन सरकार ने अचानक यह बयान दिया जो किसी को भी स्वीकार्य नहीं है।
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